भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के नेताओं द्वारा लगातार हो रही फजीहत के बाद सख्त एक्शन लिया है। बीजेपी ने अपने ही विधायक को पार्टी से बाहर निकाल दिया है। पार्टी से बाहर किये गए विधायक और कोई नहीं है कुलदीप सिंह सेंगर हैं जो उन्नाव रेप कांड के मुख्य आरोपी हैं।
विपक्ष के विरोध के बीच सेंगर का मामला बीजेपी के लिए गले की फांस बनता जा रहा था। ऐसे में पार्टी से सेंगर को निकालने का फैसला लिया गया। बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्नाव रेप केस और पीड़ित परिवार के ऐक्सिडेंट केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था।
विपक्षी दलों का आरोप था कि इस पूरे मामले में विधायक सेंगर को बीजेपी का समर्थन मिल रहा है। इसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा था कि सेंगर दो साल से पार्टी से निलंबित हैं और रहेंगे। इसके बाद कुछ ऐसी तस्वीरें भी सोशल मीडिया सामने आ रही थीं, जिसमें सेंगर की पत्नी सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ दिख रही थीं। इसे लेकर भी विपक्षी दलों ने बीजेपी से सवाल पूछा था।

इस मामले में लगातार फजीहत के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सफाई दी थी। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि कुलदीप सिंह सेंगर को करीब दो साल पहले बलात्कार का आरोप लगने के बाद ही निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेंगर को लेकर पार्टी का फैसला अब भी कायम है और सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भी सफाई देते हुए कहा था कि उन्हें पहले ही पार्टी से निलंबित किया जा चुका है।
इस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला था। प्रियंका ने ट्वीट कर पूछा था, ‘हम क्यों कुलदीप सेंगर जैसे लोगों के हाथ में सत्ता की ताकत और संरक्षण देते हैं और क्यों पीड़ितों को अकेले लड़ने के लिए छोड़ देते हैं?’ प्रियंका ने यह भी मांग की कि अभी भी देर नहीं हुई है। भगवान की खातिर पीएम नरेंद्र मोदी को इस अपराधी और उसके भाई को सत्ता से बाहर कर देना चाहिए।

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