अपने अलग प्रयोग के जाने जानी वाली बीजेपी फिर से दुसरे दलों को हैरान कर सकती है. इस बार बीजेपी द्वारा तय की गई सांसदों-विधायकों की उम्र की बंदिश को तोड़ा जाएगा. इसके बाद फिर दो वरिष्ठ नेताओं को 2019 के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारा जाएगा. वो दो वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी होंगे. इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि और भी वरिष्ठ नेताओं को बीजेपी चुनाव लड़वा सकती है जिन्हें मोदी सरकार में मौका नहीं दिया गया है.

गौर करें तो इस वजह से पिछले चार वर्षों में बीजेपी कि काफी किरकरी भी हुई है. आडवाणी को लेकर तो बीजेपी पर विपक्ष ने कई मौको पर जमकर निशाना भी साधा है. क्योंकि बीजेपी के लोह पुरुष कहे जाने वाले आडवाणी बीजेपी में ही बहुत हद तक मोदी सरकार में हाशिये पर रहे हैं, ऐसा विपक्षी दलों और राजनीतिक विश्लेषकों को कहना है.

बांग्ला अखबार आनंदबाजार पत्रिका एक एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि आडवाणी अगला लोकसभा चुनाव भी लड़ें. इस रिपोर्ट के मुताबिक, मुरली मनोहर जोशी जैसे दूसरे वरिष्ठ नेताओं को भी पार्टी आगामी चुनाव में उतार सकती है.

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया, ‘हाल ही में पीएम मोदी ने 90 वर्षीय आडवाणी से दिल्ली के पृथ्वीराज रोड पर स्थित उनके आवास पर जाकर मुलाकात भी की. वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी यह प्रस्ताव लेकर उनसे मिलने गए थे.’

आडवाणी ने पिछले लोकसभा चुनाव में गुजरात की गांधीनगर सीट से जीत हासिल की थी लेकिन फिर भी उन्होंने बीजेपी संसदीय बोर्ड में भी जगह नहीं दी गई. लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी बुजुर्ग नेताओं की उम्र को नहीं बल्कि जीत की संभावनाओं को ध्यान में रखने जा रही है. ऐसा कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के दौरान देखा गया था जब बीएस येदियुरप्पा के लिए उम्र की बंदिश में थोड़ी छुट दी गई थी.

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