DDA करेगी प्लॉट की नीलामी.
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने शैक्षिक एवं स्वास्थ्य संस्थानों के प्लॉटों की नीलामी में छूट देने का फैसला किया है। शुक्रवार को हुई डीडीए बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति देकर अधिसूचना के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय के पास भेज दिया गया है।
 
प्रस्ताव के मुताबिक, दिल्ली के सभी आठ सर्कलों (ए से एच) में अब शैक्षिक और स्वास्थ्य संस्थानों के लिए का’  टे गए प्लॉटों की नीलामी में सुरक्षित राशि में 25 फीसद की छूट दी जाएगी। सभी सर्कलों में 100 से अधिक ऐसे प्लॉट हैं, जिन्हें कई बार बेचने की कोशिश की गई, लेकिन दाम अधिक होने के चलते खरीदारों ने कोई रुचि नहीं दिखाई।
 
मिली दुकान और गोदाम की इजाज़त.
दूसरी तरफ रिहायशी इलाकों में दवा की दुकानों और गोदामों को चलाने की अनुमति भी दे दी गई। इस संशोधन से दिल्ली में दवा का काम करने वाले चार हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ मिलेगा। अभी तक दवा का व्यवसाय करने की इजाजत सिर्फ व्यावसायिक या मिक्स लैंड यूज की सड़कों पर है। संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद अब रिहायशी सड़कों-कॉलोनियों के रूप में चिह्न्ति इलाकों में भी यह व्यवसाय किया जा सकेगा।
 
पूर्वी दिल्ली में खेल परिसर के रूप में विकसित होगी जमीन :
पूर्वी दिल्ली में डीडीए की खाली पड़ी जमीन को खेल परिसर के रूप में विकसित किया जाएगा। शास्त्री पार्क इलाके में इस जमीन के लैंडयूज में बदलाव को डीडीए की ओर से मंजूरी दे दी गई है। शास्त्री पार्क में डीडीए की जमीन पर खेल परिसर विकसित करने के लिए इस जमीन के उपयोग को ‘सार्वजनिक’ कर दिया गया है।
 
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: मास्टर प्लान-2041 के लिए हो रही ऑनलाइन बैठक में शुक्रवार को दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों लोगों ने सड़कों पर अतिक्रमण और पानी के मुद्दे को उठाया। बहुत से ग्रामीणों का कहना था कि राजस्व रिकॉर्ड और मुख्य योजना में सड़क नेटवर्क की व्यवस्था न होने से ग्रामीण इलाकों में भवन निर्माण के लिए नगर निगम से मंजूरी प्राप्त करना मुश्किल होता है।
 
 
प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि लाल डोरा वाले इलाके में आने वाले गांवों के लिए एकीकृत ग्रामीण विकास योजना तैयार होनी चाहिए। इसके अलावा पानी और पार्किग का मुद्दा भी उठाया। प्रतिभागियों ने कहा कि नए विकास क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए तालाब और नालों के साथ-साथ बरसाती जल का भंडारण करने के लिए बड़े गड्ढे बनाने की आवश्यकता है। इसके अलावा पार्किंग को लेकर भी दिल्ली में योजना तैयार की जानी चाहिए।

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