• बिहार में नहीं मिला 74 हजार नियोजित शिक्षकों का कोई रिकॉर्ड
  • कार्रवाई के तहत हो सकती है FIR
  • बिहार में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियोजित है ये शिक्षक
  • हाईकोर्ट की निगरानी में हो रही है जांच

 

  • जांच में आड़े आड़े आ रही है नियोजन इकाईयां
  • विजिलेंस ब्यूरो की टीम द्वारा सभी जिलों में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया की जांच है जारी
  • जांच में फर्जी डिग्री पर नियुक्त और एक ही डिग्री पर दो-दो जगह नौकरी कर रहे शिक्षकों का मामला भी आ चुका है सामने
  • निगरानी टीम ने 450 फर्जी नियोजित शिक्षकों के खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी

 

  • इनमें जहानाबाद में 42, बक्सर में 31, रोहतास में 29, भोजपुर में 16, मधुबनी एवं दरभंगा में 11-11, नवादा में 45, पटना, पूर्णिया, अररिया, मुजफ्फरपुर व मुंगेर में 1-1 शिक्षक हैं शामिल
  • नियोजन प्रक्रिया में 234 मुखिया की भूमिका जांच में पाया गया है संदिग्ध

 

  • ये सभी भी हैं विजिलेंस टीम के रडार पर
  • विभाग ने सिर्फ नियोजन इकाईयों पर केस दर्ज कराकर अपना झाड़ लिया पल्ला
  • अब भी ऐसे 132 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हैं जो शिक्षकों के फर्जी सर्टिफिकेट मामले में मुकदमे की कार्रवाई से चाह रहे हैं बचना

 

  • 22 दर्जन जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) और 156 से ज्यादा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) की भूमिका भी है संदिग्ध
  • ऐसे पदाधिकारी भी अब निगरानी जांच की जद में आ सकते हैं
  • शिक्षकों के मांगे गए रिकार्ड फोल्डर नहीं पाये जाने पर ऐसे पदाधिकारियों से हो सकती है पूछताछ

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