अमेरिका ने पाकिस्तान को प्रतिबंधित आतं’की संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की नसीहत दी है। अमेरिका ने कहा है कि आ’तंकी संगठनों और उनके सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए ठोस और संतोषजनक कदम उठाने के बाद ही दुनिया के ज्यादातर देश फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी सूची से बाहर निकलने में पाकिस्तान का समर्थन कर सकते हैं।
 
अमेरिका के इस बयान से एक दिन पहले ही इस्लामाबाद में तैनात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की प्रतिनिधि टेरीजा सांचेज ने कहा था कि अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट यानी निगरानी सूची से बाहर नहीं निकला तो हाल में स्वीकृत लोन खतरे में पड़ जाएगा। पाकिस्तान जून, 2018 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ की ग्रे सूची में है।

डॉन अखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, गत जून में फ्लोरिडा में एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को जिन बिंदुओं पर काम करने को कहा गया था, उसकी प्रगति का स्वतंत्र आकलन करने के लिए अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल इस समय पाकिस्तान के दौरे पर है। दक्षिण और मध्य एशियाई मामले देखने वालीं कार्यवाहक उप विदेश सचिव एलिस जी वेल्स के नेतृत्व में आए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के वित्त मामलों के सलाहकार डॉ अब्दुल हफीज शेख से मुलाकात की।
 
पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने को कहा गया था। एफएटीएफ की 13 से 18 अक्टूबर तक पेरिस में होने वाली बैठक में इस बात पर गौर किया जाएगा कि पाकिस्तान इन बिंदुओं का पालन करने में खरा उतरा है या नहीं।

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