ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश में सोशल मीडिया/मीडिया/राजनैतिक दलों की बयानबाज़ी में आम जनता को शामिल करके एक दूसरे के खिलाफ नफरत पैदा की जा रही है और हिंसा को हवा देने की खुली छूट दी जा रही है। राजसमंद में ऐसे ही एक केस में एक मुसलमान की हत्या का वीडियो बनाया गया।

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हत्यारोपी ने पहले उसे काटा और फिर पेट्रोल छिड़कर कर आग के हवाले कर दिया। वह अपने साथी के साथ इस पूरी घटना का वीडियो बनाता है तथा हत्या के बाद वीडियो बना कर इसकी ज़िम्मेदारी भी लेता है। सूत्रों के मुताबिक युवक मालदा , पश्चिम बंगाल का मजदूर राजसमंद, राजस्थान में अपने परिवार के साथ मजदूरी करता था। हत्या करने वाले ने उसे काम देने के बहाने लेकर आया और फिर घटना को अंजाम दिया। एक मजदूर जो बेचारा मजदूरी करके पेट पालता रहा हो उसकी हत्या करना सिर्फ इसलिए कि वह मुसलमान है, यह निश्चित रूप से सामाजिक शर्म की बात है।

हिंदू-मुसलमान से ऊपर उठ कर हम सबको ऐसी घटनाओं, या इस तरह के विभत्स कार्य करने की सोच रखने वाले लोगों का पूरी तरह से बहिष्कार करना ही होगा।
यह कानून के खत्म हो जाने का ऐलान है। इस मुल्क में हिंसा की ऐसी वारदातें आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन से भी विभत्स रूप धारण कर चुकी हैं। पत्रकारिता का एथिक्स मुझे इस प्रकार के वीडियो अथवा तस्वीर साझा करने की इजाज़त तो नहीं देता लेकिन यह नहीं दिखाया गया तो इस मुल्क को आग के हवाले करने वालों पहचान नहीं हो सकेगी। संविधान को ताक पर रखने वालों को बचाने का प्रयास, धर्म आधारित राजनीति करने वाले नेताओं से सवाल कीजिए कि यदि यह सब ऐसे ही चलता रहा है तो इस देश में कौन सुरक्षित रहेगा।

पुलिस जब वहां पहुंची तो उन्हें लगा कि हत्या के बाद शव को जला दिया गया है. पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछा तो व्यक्ति की पहचान मोहम्मद शेख के रूप में की गयी, जो लगभग 50 साल का है. वह इस इलाके में मजदूरी करता था और मूलत: बंगाल का रहने वाला है. पुलिस की जांच चल ही रही थी कि सोशल मीडिया में इस हत्या का वीडियो वायरल हो गया. वीडियो में हत्या का आरोपी शंभूलाल लव जेहाद का जिक्र कर दूसरों को धमका रहा है. सोशल मीडिया में शंभूलाल के और भी वीडियो हैं, जिसमें वह भड़काऊ भाषण दिख रहा है.

गौरतलब है कि देश में ‘लव जेहाद’ का हल्ला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले शुरू हुआ था. ‘केरल लव जेहाद’ मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन भी है, जिसमें अखिला अशोकन के हादिया बनकर एक मुस्लिम से शादी करने को हाईकोर्ट ने गलत ठहरा दिया था और उसके पति शफीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी शादी बचाने के लिए अपील की है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

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