राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए डीएलएड की प्रथम वर्ष की सैद्धांतिक परीक्षा का आयोजन भले ही जिला प्रशासन द्वारा कड़ी व्यवस्था के बीच किया जा रहा हो और इसको लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए जा रहे हों। ताकि, कहीं कदाचार को प्रशय नहीं मिले। बावजूद, महिला परीक्षार्थी अपने साथ चिट-पुर्जा लेकर अंदर तक जाने में सफल हो जा रही हैं।

ऐसी ही एक परीक्षार्थी जब परीक्षा के पहले दिन एक परीक्षा केन्द्र पर कदाचार करते पकड़ी गई तो वह वीक्षक के समक्ष गिड़गिड़ाने लगी कि सर छोड़ दिजीए प्लीज…अब नकल नहीं करूंगी सर। हालांकि, वीक्षक ने उन्हें छोड़ तो दिया लेकिन उन्होंने कड़ी चेतावनी दी कि आगे से ऐसा होने पर वह कॉपी ले लेंगे और नई कॉपी थमा दी जाएगी।

बताया जाता है कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के नियमों के मुताबिक इस परीक्षा में अगर कोई परीक्षार्थी कदाचार करते पकड़ा जाता है तो उसको निष्कासित करने का प्रावधान नहीं है। अपितु प्रावधान यह है कि संबंधित परीक्षार्थी की कॉपी लेकर उसे नई कॉपी दे दी जाए। जाहिर सी बात है नई कॉपी देने से परीक्षार्थी को फिर से सबकुछ नए तरीके से लिखना होगा। ऐसे में उनका रिजल्ट प्रभावित होना तय है।

बहरहाल, सवाल यह है कि परीक्षार्थियों की गेट पर हो रही चेकिंग के बाद भी महिला परीक्षार्थी चिट-पुर्जा लेकर अंदर तक कैसे पहुंच जा रही हैं। यहां बता दें कि जिला मुख्यालय में बने सभी नौ परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों को बगैर चेक किए अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।
इनपुट: JMB

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