जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से बौखलाया हुए पकिस्तान ने अपने और एक बौखलाहट का परिचय दे दिया है. जिससे साफ जाहिर हो रहा है पाकिस्तान आने वाली भविष्य में ऐसी हरकतें करेगा जो उसे भारत के खिलाफ नहीं करना चाहिए. भारत से व्यापारिक रिश्ता तोड़ने के बाद इस बार पाकिस्तान ने भारत-पाकिस्तान के नागरिकों लिए दी गई एक मात्र ट्रैन समझौता एक्सप्रेस पर बी रोक लगा दी है.
पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहा है ऐसे में अभी तक भारत के खिलाफ उसने जितने भी फैसले लिए हैं वो सभी उसके लिए अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा साबित होने वाला है. ऐसे भी भारत द्वारा पुलवामा हमले के बाद मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीने जाने की वजह से भारत में उसका एक्सपोर्ट बहुत कम हो चुका है.

आपको बता दें कि पाकिस्तान प्याज और टमाटर जैसी खाद्य वस्तुओं के अलावा केमिकल्स के लिए भारत पर निर्भर है. एक्सपर्ट्स और ट्रेडर्स की मानें तो इससे पाकिस्तान को ही झटका लगेगा.
फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय के मुताबिक, ‘कारोबार का निलंबन भारत की बजाय पाकिस्तान को अधिक प्रभावित करेगा क्योंकि वह हमारे ऊपर अधिक निर्भरता रखता है.’
पाकिस्तान की ओर से भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिया गया था, इसके चलते सीमित चीजों का एक्सपोर्ट ही भारत कर पाता था. ऐसे में पाकिस्तान के ही यह फैसला नुकसानदेह साबित हो सकता है क्योंकि वह तमाम कृषि उत्पादों के लिए भी भारत पर निर्भर रहा है.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के प्रफेसर राकेश मोहन जोशी के मुताबिक पाकिस्तान का बिजनस कारोबार को प्रभावित करने वाला है.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रफेसर बिस्वजीत धर कहते हैं कि लॉन्ग टर्म की बात हो या फिर शॉर्ट टर्म की इस फैसले से पाकिस्तान ही ज्यादा प्रभावित होगा। इसकी वजह यह है कि वह टमाटर और प्याज तक के लिए भारत पर निर्भरता रखता है.
इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबार निचले स्तर पर थे. भारत ने अटैक के बाद पाकिस्तान से आने वाली चीजों पर 200 पर्सेंट कस्टम ड्यूटी कर दी थी.
कॉमर्स मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक इस फैसले के चलते पाक से होने वाले आयात में 92 पर्सेंट की गिरावट आई थी और यह इस साल मार्च में महज 2.84 मिलियन डॉलर ही रह गया था, जबकि मार्च 2018 में यह 34.61 अमेरिकी डॉलर था. पाकिस्तान से भारत कपास, फल, सीमेंट, पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स का आयात करता है.

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान ख़त्म किए जाने के बाद पाकिस्तान ने एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद बुधवार को भारत से राजनयिक संबंध सीमित करने और द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध निलंबित करने की घोषणा की थी.
गुरुवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत सरकार को पाकिस्तान के कल लिए गए फ़ैसलों पर खेद है. हम पाकिस्तान से उन फ़ैसलों पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं ताकि कूटनीतिक संपर्क का सामान्य प्रवाह बचा रहे.”
भारत सरकार ने इस बयान में कहा है कि अनुच्छेद 370 पर जम्मू-कश्मीर के विकास के मक़सद से फ़ैसला लिया गया है और इसे नकारात्मकता से नहीं लिया जाना चाहिए.

विदेश मंत्रालय ने कहा है, “भारतीय संसद और सरकार का ताज़ा फ़ैसला जम्मू-कश्मीर में विकास के अवसर बढ़ाने की प्रतिबद्धता से लिया गया है, जिसे पहले एक अस्थायी संवैधानिक प्रावधान ने रोका हुआ था.”
भारत सरकार ने कहा है कि इसके असर से लिंग और सामाजिक-आर्थिक भेदभाव भी ख़त्म होगा साथ ही आर्थिक गतिविधियों और लोगों के रहन-सहन के स्तर में भी इज़ाफ़ा होगा.
भारत सरकार ने कहा है, “ये हैरान करने वाला है कि विकास के ऐसे प्रयासों को पाकिस्तान नकारात्मकता से ले रहा है, जिसने अब तक भावनाओं का इस्तेमाल सिर्फ़ सीमा-पार के आतंकवाद को जायज़ ठहराने के लिए किया है.”

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