अभी अभी भारतिय जनता पार्टी को इस साल का सबसे जबरदस्त झटका लगा है. बता दें कि NDA के बड़े सहयोगी दल ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है. जिसके बाद अब NDA की सरकार गिरने वाली है. दरअसल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू की पार्टी अपने राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा केंद्र से मांग रही थी लेकिन केंद्र ने मना कर दिया. जिसके बाद TDP ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है. नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इसकी जानकारी देंगे.

उधर यह भी खबर है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा भाजपा नीत केंद्र सरकार आैर एनडीए से नाता तोड़ने के एेलान के बाद सूबे में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. नये घटनाक्रम में आंध्र प्रदेश की टीडीपी सरकार में भाजपा कोटे के दो मंत्रियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. भाजपा कोटे के इन दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री दफ्तर में जाकर अपना इस्तीफा सौंपा है.

जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार में टीडीपी के मंत्री भी आज इस्तीफा देंगे. इस वक्त में सरकार में टीडीपी के दो मंत्री हैं. अशोक गजपति राजू के पास विमान मंत्रालय तो वाई एस चौधरी विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदश के सीएम चंद्रबाबू नायडू पर बीजेपी का साथ छोड़ने को लेकर बहुत ज्यादा दबाव था. जनता की भावनाओं के चलते उन्होंने ‘ना चाहते हुए’ भी ये कदम उठाया है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज साफ कर दिया कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है. विशेष राज्य से मतलब स्पेशल आर्थिक पैकेज होता है जो हर राज्य को दिया जाना संभव नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा, ”डिवीजन के दौरान आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य देने का वादा किया गया था तब विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान होता था. 14वें वित्तीय आयोग की रिपोर्ट आई जो संवैधानिक है, उसमें कहा गया कि ऐसा दर्जा नहीं दिया जा सकता.”

TDP के जाने के बाद YRS कांग्रेस से हाथ मिला सकती है BJP
चंद्रबाबू नायडू पहले भी एनडीए से एक बार बाहर जा चुके हैं. चंद्रबाबू नायडू अगर कांग्रेस से हाथ मिलाते हैं तो बीजेपी भी नए विकल्प पर विचार करेगी. नायडू की पार्टी के अलावा वाईएसआर कांग्रेस इस वक्त आंध्र में काफी मजबूत पार्टी है. ऐसे में बीजेपी और वाईएसआर कांग्रेस 2019 के लिए साथ आ सकते हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में आंध्र की 25 सीटों में से टीडीपी को 15, वाईएसआर कांग्रेस को 8 और बीजेपी को 2 सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस का न तो लोकसभा में खाता खुला था और ना ही विधानसभा में ही. अब कांग्रेस को साझेदार की तलाश है तो टीडीपी के हटने के बाद बीजेपी को भी मजबूत साथी चाहिए. यानी राज्य में ये दो खेमा बन सकता है.

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