बिहार के बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिये गये सभी अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. सभी दोषियों की सजा के सभी बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए एनआईए की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सजा सुनाई. सभी दोषियों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. गुरुवार को सजा के बिंदु पर बहस पूरी नहीं हो सकी थी. कोर्ट में एनआईए के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी.

चार साल 10 माह बाद शुक्रवार को एनआईए कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने मामले में आरोपी सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दिया था. 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में पांच आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था. साल 2013 में हुए इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे.

पटना सिविल कोर्ट में 2013 में गठित एनआईए कोर्ट का यह पहला फैसला है. बोधगया ब्लास्ट में एनआईए ने 90 गवाहों को पेश किया. विशेष न्यायाधीश ने 11 मई 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना निर्णय 25 मई तक सुरक्षित रख लिया था. सीरियल ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था.

दोषियों में इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजिबुल्लाह अंसारी भी शामिल हैं. एनआईए ने मामले की जांच करने के बाद सभी आरोपियों पर तीन जून 2014 को चार्जशीट फाइल किया था. 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट मे भी ये सभी आरोपी हैं.
इनपुट: HN18

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