बिहार राज्य में शराबबंदी लेकिन शहर से लेकर गांव तक में चल रहा शराब का अवैध कारोबार। होम डिलिवरी से लेकर हर जगह आसानी से उपलब्ध होने वाली शराब के नशे में शराबियों के हंगामे से ग्रामीण तक आजीज आ चुके हैं। यही वजह है कि शराबियों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से जिले की तीन पंचायत रामदत्तपट्टी, तेलवा और बसबिट्टी के ग्रामीणों ने एक नई पहल की है। ग्रामीणों के मुताबिक, शराब पीकर हंगामा करने वाले या शराब कारोबारियों को पकड़वाने वाले को पंचायत की ओर से एक हजार रुपया का इनाम दिया जाएगा। साथ ही सूचक का नाम गुप्त रहेगा। पकड़ाने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी जायेगी। अब तक दो युवकों को इस अभियान के तहत इनाम भी दिया जा चुका है। यही नहीं जुआरियों को पकड़ाने पर भी इनाम दिया जायेगा। इसके लिए पंचायत स्तर पर एक कमेटी बनायी गयी है।

शराबियों और जुआरियों से महिलाएं परेशान ग्रामीणों की मानें तो रामदत्तपट्टी, तेलवा और बसबिट्टी पंचायत के कई टोला में धड़ल्ले से देसी शराब बनाने और बेचने का कारोबार चल रहा है। पुलिस सब कुछ जानते हुए मूकदर्शक बनी है। शाम होते ही शराब के नशे में पियक्कड़ झूमते-झगड़ते नजर आने लगते हैं। कुछ बोलने पर पियक्कड़ ग्रामीणों से उलझ जाते हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इलाके में जुआ भी खूब खेला जाता है। हर जगह बाग-बगीचे में बैठे लोग दिनभर जुआ खेलते नजर आते हैं। शराबियों और जुआरियों से गांव की महिलाएं ज्यादा परेशान हैं।

शिकायत के बावजूद पुलिस नहीं करती कार्रवाई रामदत्तपट्टी के मुखिया योगेन्द्र साह, पैक्स अध्यक्ष प्रदीप यादव, सरपंच शिवनारायण साह का कहना है कि रामदत्तपट्टी, बसबिट्टी सहित ग्रामीण इलाकों के लोगों का कहना है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी उनकी शिकायत अनसुनी कर दी जा रही है। इसको लेकर उन्होंने 18 नवंबर को धरना-प्रदर्शन भी किया था, बाजार भी बंद कराया था। इसके बाद भी यह समस्या जस की तस है। अभियान का दिखने लगा असर खासकर रामदत्तपट्टी में इस अभियान को लेकर सारे लोग एकजुट हैं। बताया जा रहा है कि इस ऐलान के बाद से ही अचानक शराब पीकर हो-हंगामा करने वाले सड़क से गायब हो गये हैं। साथ ही होम डिलेवरी वेंडर भी अब नजर नहीं आ रहे हैं।

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