पटना में मेट्रो रेल दौड़ाने का सपना अब तेजी से आकार लेगा। इसके लिए राज्य सरकार दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की मदद लेगी। डीएमआरसी ही अब राजधानी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का काम करेगा। नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा सुझाए गए विकल्पों में से इस पर अपनी सहमति बन गई है। एक अणे मार्ग में आयोजित बैठक में तय हुआ कि मेट्रो के लिए राज्य सरकार लोन लेने में जापानी कंपनी जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) को प्राथमिकता देगी।
 
मेट्रो प्रोजेक्ट के कागजों से बाहर न निकल पाने के संबंध में मंगलवार को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने खबर प्रकाशित की थी। मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेट्रो से जुड़े सभी पक्षों संग प्रोजेक्ट की समीक्षा की। उन्होंने मेट्रो के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया।

इस मौके पर नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने प्रेजेंटेशन के जरिये तीन विकल्प सुझाए। पहला विकल्प डीएमआरसी को 7.26 किलोमीटर का प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम देने से संबंधित था। दूसरा एक कॉरिडोर का काम उसे देने का और तीसरा 31.39 किमी के दोनों कॉरिडोर का काम डीएमआरसी को देने से संबंधित था। सूत्रों की मानें तो तीसरे विकल्प पर सहमति बनी है। इस स्थिति में पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसीएल) सिर्फ संचालन और रखरखाव का जिम्मा संभालेगा।
 
नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने कहा, “मेट्रो मुख्यमंत्रीजी की प्राथमिकता में है। वह चाहते हैं कि पटनावासी जल्द से जल्द इसकी सवारी कर सकें। डीएमआरसी की मदद से इसे तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।”

फरवरी में पीएम ने किया था शिलान्यास
पटना मेट्रो का शिलान्यास इसी साल 17 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। मेट्रो के दो कॉरिडोर स्वीकृत हुए हैं। पहला ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर के बीच है। इसकी लंबाई 16.94 किमी है। दूसरा नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर है, जो पटना रेलवे स्टेशन से आईएसबीटी तक बनेगा। इसकी लंबाई 14.45 किलोमीटर है। दोनों रूट पर 12-12 स्टेशन होंगे।

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