दोपहिया वाहन का लाइसेंस भारत में दो लेवल पर दिया जाता है। इसमें पहला लेवल 16 से 18 साल तक के लिए है और दूसरा लेवल 18 से अधिक उम्र वालों के लिए होता है। हालांकि, 16 से 18 वर्ष के किशोरों को बिना गियर वाले दोपहिया चलाने की अनुमति दी जाती है और इसमें शर्त यह होती है कि वाहन 50 cc से कम होना चाहिए। भारत में पहला लेवल 16 से 18 वर्ष के किशोरों के लाइसेंस का है, जिसमें हैरानी की बात ये है कि करीब 9 साल पहले ही 50 cc से कम इंजन के साथ वाहन बनना बंद हो गए थे। अब कोई भी ऑटो कंपनी 50 cc से कम इंजन क्षमता वाले वाहन नहीं बनाती है।
 
अब सोचने वाली बात ये है कि अगर 9 साल पहले ही 50 cc से कम इंजन क्षमता वाले वाहन बंद हो गए तो, 16 से 18 साल तक के बच्चे के लाइसेंस का प्रावधान क्यों है? जबकि 18 साल तक के किशोर 50 cc वाला लाइसेंस लेकर 100 cc तक के वाहन चला रहे हैं। ऐसे में सिर्फ Hero ही कम से कम 97.2 cc तक की बाइक बना रही है। वहीं, दूसरी टू-व्हीलर कंपनियां इससे ज्यादा इंजन क्षमता वाले वाहन ही बना रही हैं।

भारतीय बाजार में अब 50 cc की बाइक्स सिर्फ चाइनीज कंपनियां ही बेच रही हैं, जो कि 20,000 से 25,000 रुपये तक की कीमत पर बेची जा रही हैं। खासतौर पर ये डर्ट बाइक्स हैं, जो कि सिर्फ छोटे बच्चों के लिए होती है और इन्हें आमतौर पर 10 से 15 साल तक के बच्चे ही चलाते नजर आते हैं, जिनके लाइसेंस का कोई प्रावधान नहीं है। यानी ये बच्चे बिना लाइसेंस के ही 50 cc की ये चाइनीज डर्ट बाइक्स चलाते हैं। इसमें भी ज्यादा तर बाइक्स 2 से 3 ट्रांसमिशन के साथ उपलब्ध हैं।

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