सिविल और न्यायिक सेवा जैसी प्रतिष्ठित चयन सेवा परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों के पीछे सपने और संघर्ष की लंबी दास्तां होती है। ऐसी दास्तान जो औरों को प्रेरित करती है, उनका हौसला बढ़ाती है, ऐसी ही कहानी है पिछले दिनों घोषित उत्तर प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिवीजन) चयन परीक्षा परिणाम में सफल अमित मणि की। न्यायिक सेवा के लिए चयनित होकर अमित ने अपने पिता का वर्षों पुराना सपना हकीकत में बदल दिया।
 
अमित के पिता पुरुषोत्तम गोरखपुर दीवानी कचहरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में सेवारत हैं। लंबे सेवाकाल में हमेशा से न्यायाधीशों को देखते और सोचते थे कि काश! उनका बेटा कभी जज बने। आखिर वो दिन आया और अमित ने अपने पिता के सपने को पूरा कर दिया।

मूलत: देवरिया के सकारपार बुजुर्ग गांव निवासी अमित के पिता पुरुषोत्तम मणि और माता उर्मिला की खुशी का इन दिनों कोई ठिकाना नहीं है। गोरखपुर विवि से 2013 में विधि स्नातक अमित ने अपनी पूरी पढ़ाई और न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी आर्थिक तंगी के बीच की। बकौल अमित, सेवानिवृत्त जिला जज उमेश चंद्र मिश्र से मिला मार्गदर्शन बहुत काम आया।
 
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पीसीएस-जे 2018 में शहर के आवास विकास कॉलोनी की रहने वाली अल्का सिंह को भी सफलता मिली है। 2017 में इसी परीक्षा के साक्षात्कार में असफल रहीं अल्का ने यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल कर ली। गोरखपुर विवि से विधि स्नातक अल्का की माता अध्यापिका हैँ जबकि पिता पूर्वोत्तर रेलवे में मुख्य डिपो सामग्री अधीक्षक पद पर सेवारत हैं।

गगहा के लखेड़ीडीह गांव निवासी व श्रावस्ती के जिला जज रामानंद के पुत्र पंकज कुमार ने पीसीएस जे परीक्षा-2018 में चयनित होकर गांव का नाम रोशन किया है। उनके सफलता पर उनके गांव में हर्ष व्याप्त है।

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