आज पटना की धरती पर कोई ऐतिहासिक फैसला हो सकता है। क्योंकि आज राजनीति के कई धुरंधर एक पर मंच जमा हो रहे हैं। मिशन-2019 में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा पटना में शनिवार को गैर-भाजपा दलों का अधिवेशन करने जा रहे हैं। इसमें भाजपा सांसद एवं अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की अहम भूमिका होगी। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, शरद यादव एवं जदयू के असंतुष्ट नेता उदय नारायण चौधरी भी शिरकत करने वाले हैं।

पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में प्रस्तावित इस अधिवेशन में देशभर के प्रमुख दलों के नेता एवं प्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम में कांग्रेस, राजद, आम आदमी पार्टी एवं सपा समेत भाजपा-जदयू के असंतुष्ट नेताओं को भी बुलाया गया है।

न्योता तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी दिया गया था, किंतु उनकी राजनीतिक लाइन अभी दूसरी दिशा की ओर बढ़ रही है। यही कारण है कि उन्होंने यशवंत के कार्यक्रम से फासला बना रखा है। दरअसल, ममता भाजपा के साथ कांग्रेस से भी दूरी बनाए रखकर तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को टटोल रही हैं।

बहरहाल, माना जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करने के लिए राष्ट्रीय मंच बनाने वाले यशवंत सिन्हा पटना अधिवेशन में बड़ा राजनीतिक एलान कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने अपनी रणनीति के बारे में अभी स्पष्ट नहीं बताया है और कहा है कि इसका खुलासा वह शनिवार को ही करेंगे। फिर भी माना जा रहा है कि बैठक में गैर भाजपाई दल केंद्र सरकार की असफलताओं को फ्लैश कर राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प खड़ा करने की सहमति बनाने की कोशिश करेंगे।

भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री का ओहदा संभालने वाले यशवंत फिलहाल मोदी सरकार के सबसे मुखर आलोचक हैं। भाजपा में रहते हुए वह केंद्र सरकार के विरोधियों को लगातार स्वर दे रहे हैं। उन्होंने भाजपा सांसदों से भी राष्ट्रीय हित के नाम पर मुखर होने की अपील की है। ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रीय मंच के पटना अधिवेशन में वह खुलकर विपक्षी दलों के साथ आ सकते हैं।
इनपुट:JMB

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