SC/ST एक्ट में हुए बदलावों के विरोध में 2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा भारत बंद बुलाया गया था. जबकि आज यानि 10 अप्रैल को भी आरक्षण के विरोध में सवर्णों ने भारत बंद बुलाया. केंद्र ने सभी राज्यों को ऐहतियातन कदम उठाने और सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं. इसी के चलते कई शहरों में कर्फ्यू और धारा 144 लगाई गई है.

यह पहला मौका है, जब सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेज के बाद भारत बंद हुआ हो. आपको बता दें कि 2 अप्रैल को दलितों के बंद में बड़े पैमाने पर हिंसा होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर सवर्णों के आंदोलन के मैसेज वायरल होने लगे थे. जिसे देखते हुए सरकार ने पहले ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए.

इसके अलावा प्रशासन ने 14 और 18 अप्रैल को लेकर भी कई शहरों में अलर्ट जारी किया है. क्योंकि 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव आंबेडकर और 18 अप्रैल को परशुराम जयंती पड़ रही है. इसी के चलते कई शहरों को संवेदनशील घोषित कर कानून व्यवस्था की पुख्ता तैयारियां की हैं.

सोशल मीडिया पर नजर…
जमीनी इंतजाम के अलावा पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी नजर बनाए हुए है. भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात पुलिस ने कही है. इसके अलावा पुलिस ने अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें.

क्या हुआ था भारत बंद बंद के दौरान…
एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ दलित संगठनों ने देशभर में प्रदर्शन किया, धीरे-धीरे यह हिंसक होता चला गया. भारत बंद के आह्वान पर देश के अलग-अलग शहरों में दलित संगठन और उनके समर्थकों ने ट्रेन रोकीं और सड़कों पर जाम लगाया. उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में तोड़फोड़, जाम और आगजनी की घटनाएं सामने आई, लेकिन जान-माल का काफी नुकसान भी हुआ.

देशभर में भड़की हिंसा में एक बच्चे समेत 11 लोगों की जान चली गई. मध्यप्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में दिनभर स्थिति बेहद खराब रही और लोगों ने जमकर हंगामा किया. विरोध प्रदर्शन के कारण एमपी में 7, उत्तर प्रदेश में 2 और राजस्थान में 1 व्यक्ति की मौत हो गई. बाडमेर में एक हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हो गए.
input:aajtak

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