प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्यापन कार्य में लगे सभी कोटि के शिक्षकों के वेतन का भुगतान अब जिलों से नहीं, बल्कि मुख्यालय पटना से होगा। इतना ही नहीं शिक्षकों को वेतन के लिए चार महीने या छह महीने तक इंतजार भी नहीं करना होगा। प्रत्येक महीने एक तय मियाद के अंदर वेतन की राशि शिक्षकों के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। यह व्यवस्था आगामी मई से प्रभावी हो जाएगी।

वित्त विभाग के एक फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने सभी कोटि के शिक्षकों के वेतन का भुगतान काम्प्रहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफएमएस) के जरिए करने का फैसला किया है। निदेशक प्रशासन सुशील कुमार ने विभाग के फैसले से जिलों के अधिकारियों को अवगत कराने के लिए एक पत्र जारी किया है। पत्र निदेशक उच्च शिक्षा से लेकर सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को भेजा गया है।

अधिकारियों से कहा गया है कि वे नौ अप्रैल 2018 के पूर्व के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों से समन्वय कर अपने अधीनस्थ चलने वाले विद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अफसरों एवं कर्मियों का संबंधित आंकड़ा पूरे विवरण के साथ इकट्ठा कर लें।

जिलों से लेकर प्रखंड तक से प्राप्त शिक्षक, कर्मचारी-पदाधिकारी का विवरण काम्प्रहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा। यह काम अप्रैल के अंत तक पूरा किया जाना है। शिक्षक, कर्मचारियों और पदाधिकारियों का विवरण सीएफएमएस में दर्ज होने के बाद इनका वेतन नियमित रूप से मुख्यालय स्तर से ही उनके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। सीएफएमएस के प्रभावी होने के बाद जिलों को राशि भेजने की दरकार नहीं होगी।
इनपुट:JMB

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