एक बड़े मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. फिलहाल मिली ताजा जानकारी के अनुसार बिहार सरकार को सुप्रीमकोर्ट ने भी झटका दे दिया है. बता दें कि बालू-गिट्टी खनन और बिक्री को लेकर बनाये गए नीतीश सरकार के नए नियम पर पटना हाई कोर्ट द्वारा रोक लगा दिया गया था. जिसके बाद देश के सर्वोच्च न्यायालय ने द्वारा भी इस फैसले पर से रोक हटाने से मना दिया गया है.

मालूम हो कि पटना उच्च न्यायालय बालू खनन मामले पर एक सुनवाई की गई थी. पटना हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बिहार राज्य सरकार की नई बालू खनन नीति पर रोक लगा दी थी. साथ ही माननीय हाईकोर्ट द्वारा पुरानी नीति के तहत ही खनन जारी करने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने पुराने नियमों के तहत काम करने का आदेश दिया था. यह आदेश चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन ने जारी किया था. इसके साथ ही आदरनीय मुख्य न्यायाधीश में इस मामले सुनवाई करते हुए 27 नवंबर के बाद जारी के के पाठक के तमाम आदेशों को भी रद्द कर दिया था.

मालूम हो कि राज्य में उत्पन्न हुए बालू गिट्टी संकट के लिए सरकार को जिम्मेदार माना जा रहा है. राजद नेता और पूर्व केंदीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि नीतीश सरकार की गलत खनन नीति के कारण पिछले पांच महीनों से बालू व्यवसाय से जुड़े लोग बेरोजगारी का संकट झेल रहे है. लाखों मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या पैदा हो गयी है.
जबकि कई लोग गिट्टी बालू बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. जिन्हें सरकार को नये खनन नीति लाने के फैसल से पहले तक बहुत की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.

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