मोदी सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में सभी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने का ऐ’ला’न किया है। साथ ही सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी बड़ी राहत दी है। सोमवार को गृह मंत्रालय ने इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए कहा अब सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सभी कर्मचारी 60 साल की आयु में सेवानिवृत्त होंगे।

यह निर्देश दिल्ली हाई कोर्ट के जनवरी के उस आदेश के मद्देनजर आया है, जिसमें उसने विभिन्न अर्धसैनिक बलों में अलग-अलग सेवानिवृत्ति की आयु वाली नीति को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक कहा था। सभी अर्धसैनिक बलों को अदालत के आदेश का पालन करने और नियमों के प्रावधानों में संशोधन करने का निर्देश दिया गया था।

गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि विभिन्न अर्धसैनिक बलों के बीच फैली विसंगति को सुधारा गया है। आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के कांस्टेबल से लेकर कमांडेंट (एसएसपी स्तर का अधिकारी) तक के पद के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 की बजाय 57 साल थी जबकि इन्हीं चार अर्धसैनिक बलों के डीआइजी से लेकर महानिदेशक (डीजी) स्तर के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल है।

दो अन्य अर्धसैनिक बलों केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और असम राइफल्स में सभी कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष है। कुछ अधिकारियों ने गृह मंत्रालय के तहत आने वाले सभी अर्धसैनिक बलों के बीच फैली इस विसंगति को उठाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि जो लोग कोर्ट के आदेश और सोमवार को जारी किए गए मंत्रालय के निर्देश के बीच 57 साल में सेवानिवृत्त हुए हैं, उनके पास दो विकल्प होंगे। पहले विकल्प के तौर पर ऐसे लोग पेंशन सहित सभी लाभ वापस करके सेवा में शामिल हो सकते हैं या फिर 60 साल की आयु पूरी होने पर पेंशन सहित सभी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही ऐसे कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो गए थे और इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, ऐसे कर्मचारियों को सेवानिवृत्त नहीं माना जाएगा और वे 60 साल तक सेवा कर सकेंगे।

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