• मोदी सरकार ने की गरीब सवर्णों को छूट देने की तैयारी
  • सरकारी नौकरियों में मिलेगी उम्र सिमा में छूट
  • प्रतियोगी परीक्षा में अंकों भी मिलेगी रियायत
  • जारी हो सकता है निर्देश


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सामान्य वर्ग के गरीब अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें भी नियुक्तियों में अधिकतम उम्र सीमा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की तर्ज पर छूट मिल सकती है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को पत्र लिखकर इस बारे में अनुरोध किया है। मालूम हो, नियुक्तियों में ओबीसी अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में तीन वर्ष तक की छूट मिलती है, जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को पांच साल की छूट दी जाती है।

निर्देश जारी करने का आग्रह
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की ओर से केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि अलग-अलग लोगों से प्रतिवेदन मिले हैं। इनमें ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए सरकारी नियुक्तियों में उम्र सीमा में छूट देने की मांग की गई है। सरकारी नियुक्तियों में अन्य आरक्षित वर्गों एससी, एसटी और ओबीसी को अधिकतम उम्र सीमा में छूट दी जाती है। पत्र में यह भी लिखा है कि सभी संबंधित प्राधिकारियों को इस संबंध में जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश जारी करें।

अंकों में छूट पर विचार भी संभव
प्रतियोगी परीक्षाओं में आरिक्षत श्रेणियों को अंकों में भी कुछ छूट दी जाती है। लेकिन ईडब्लयूएस आरक्षण में अभी तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने अभी सिर्फ उम्र का मामला उठाया है। लेकिन अंकों में छूट पर भी कार्मिक मंत्रालय विचार कर सकता है। क्योंकि दूसरी श्रेणियों के आरक्षितों को ऐसी सुविधा मिली हुई है।
 
विश्वविद्यालय वार आरक्षण की अधिसूचना जारी
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विभागों की जगह विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को आरक्षण का आधार मानने वाले कानून की अधिसूचना जारी कर दी है। इसी के साथ ये कानून प्रभाव में आ गया है। इसमें एससी, एसटी,ओबीसी के साथ ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
 
ओबीसी को तीन, एससी-एसटी को पांच साल की छूट
केंद्र सरकार की अधिकतर नियुक्तियों में फिलहाल अन्य पिछड़ा वर्ग को अधिकतम उम्र सीमा में तीन साल की और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को पांच साल की छूट दी जाती है। उदाहरण के लिए यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम सीमा 32 वर्ष है। इस तरह ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा 35 वर्ष और एससी-एसटी अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 37 वर्ष होती है।

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