निजी और सरकार गाड़ियों में सफर करने जा रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है, जोकि केंद्र सरकार द्वारा लिया गया है. केंद्र सरकार ने लोगों की सुरक्षा मामले को गंभीरता से लिया है, जिसके तहत एक नया आदेश जारी किया गया है. महिलाओं, बच्चों और बुजर्गों के साथ बढ़ रही आपराधिक वारदातों को देखते हुए परिवहन मंत्रालय ने राज्य सरकारों को 1 अप्रैल से पहले सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जीपीएस और पैनिक बटन सख्त आदेश दिया है.

इसके तहत 23 सीटों से ज्यादा वाली बसों, टैक्सी और सार्वजनिक परिवहन के दूसरे माध्यमों में जीपीएस और पैनिक बटन का होना जरूरी है, लेकिन इससे तीन पहिया और ई रिक्शा को बाहर रखा गया है. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने पहले भी राज्य सरकारों को ये निर्देश दिया था कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जीपीएस का इंतजाम किया जाए, लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका. यही कारण है कि मंत्रालय ने अब इस मामले में सख्ती दिखाई है और कहा है कि जीपीएस और पैनिक बटन लगाने की डेड लाइन (1 अप्रैल) को किसी भी कीमत पर आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.

Demo picture
Demo picture bus

बुधवार को मंत्रालय ने एक ट्वीट कर यह जानकारी मीडिया के साथ साझा की. अपको बता दें कि इससे पहले महिला सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने 23 से ज्यादा सीटों वाली बसों में सीसीटीवी लगाने का आदेश जारी किया था लेकिन बाद में इसे प्राइवेसी में दखल मानते हुए लागू नहीं किया गया. वहीं ऑटो रिक्शा को इस कैटोगरी में नहीं रखा गया है. कहा जा रहा है कि आदेश के बाद राज्य सरकारें द्वारा जीपीएस और पैनिक बटन को पुलिस और इमरजेंसी सेवा से जोड़ने का काम किया जा सके.

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