इन दिनों केरल के कोझिकोड जिले में एक बेहद खतरनाक और जानलेवा वायरस ने अपना ठिकाना बना लिया और यह तेज़ी से केरल के कुछ इलाकों में फैल रहा है. यह वायरल बेहद ही खतरनाक बताया जा रहा है. इस तेज़ी से फैलने वाले वायरस का नाम है ‘निपाह’ वायरस. अब तक 11 लोग इसकी चपेट में आ चुके है, इन सभी लोगों की मौत इस वायरस के उनके शरीर में प्रवेश करने की वजह से हुई है. जबकि कुछ लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है.

संयुक्त अरब अमीरात ने दी वार्निंग 

केरल में फैले इस वायरस के बाद संयुक्त अरब अमीरात ने गुरुवार को यात्रियों को केरल में अनावश्यक यात्राओं को ना करने के लिए कहा और भारतियों या फिर केरल जाने वाले यात्रियों को यात्रा को स्थगित करने के लिए कहा और बोला की ” जब तक कि दक्षिण भारतीय राज्य में निपाह वायरस प्रकोप नियंत्रण में ऩा हो जाए तब तक यात्रा ना करें.”

स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान 

गुरुवार को लगभग 3 बजे जारी किए गए एक मीडिया स्टेटमेंट में, स्वास्थ्य और रोकथाम मंत्रालय (एमओएचएपी) ने संक्रमण के अनुबंध की संभावना से अवगत होने के लिए केरल यात्रा करने वाले लोगों को सतर्क कर दिया और उन्हें स्थिति को नियंत्रित होने तक अनावश्यक यात्रा स्थगित करने की सलाह दी.
बयान में कहा गया है कि घातक वायरस ने एक और ज़िंदगी ली है, जिससे राज्य में मृतकों की संख्या गुरुवार को 11 हो गई है.
डॉ केपी हुसैन चेयर, फातिमा हेल्थकेयर ने कहा की “जैसा कि मंत्रालय ने कहा था, विशेष रूप से प्रभावित जिला कोझिकोड में यात्रा से बचने के लिए सलाह दी जाती है जब तक कि हमें आश्वस्त न हो कि स्थिति नियंत्रण में है.”
बुधवार को, संयुक्त अरब अमीरात ने भारत में अपने नागरिकों से सावधानी बरतने और केरल में निपाह वायरस के फैलने के बाद भारतीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा .

क्या कहना है दुबई वासियों का ?

निपाह वायरस के बाद अब्दुल अज़ीज़ मानम्मल, दुबई निवासी ने कहा की “इसने हमारे रिश्तेदारों के घर में एक दहशत की स्थिति पैदा की है. यद्यपि हमारा क्षेत्र बिल्कुल प्रभावित नहीं हुआ है, लोगों ने बाहरी गतिविधियों को कम कर दिया है … “

आपात स्थिति में इस नंबर पर करें कॉल 

केरल में संयुक्त अरब अमीरात वाणिज्य दूतावास ने अमीरातियों को ट्राजूदी सेवा के साथ पंजीकरण करने और 00919087777737 या 80044444 पर आपात स्थिति के मामले में वाणिज्य दूतावास से संपर्क करने का आग्रह किया.
केरल राज्य सरकार ने बुधवार को यात्रियों से राज्य के चार जिलों में कोझिकोड, मलप्पुरम, वायनाद और कन्नूर में यात्रा ना करने के लिए कहा.

क्या है निपाह वायरस 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक़ निपाह वायरस (NiV) तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है. निपाह के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था. वहीं से इस वायरस को ये नाम मिला. उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे. लेकिन इसके बाद जहां-जहां निपाह के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे. साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इस वायरस की चपेट में आए.
इन लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले तरल को चखा था और इस तरल तक वायरस को ले जाने वाले चमगादड़ थे, जिन्हें फ्रूट बैट कहा जाता है.
सेंटर फ़ॉर डिज़िज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक़ निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है.

बीमारी के लक्षण

इस बीमारी से ग्रस्त होने पर सिरदर्द, धुंधला दिखना, बुखार और सांस लेने में दिक़्क़त होती है.
ये लक्षण 24-48 घंटों में मरीज़ को कोमा में पहुंचा सकते हैं. इंफ़ेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं.
साल 1998-99 में जब ये बीमारी फैली थी तो इस वायरस की चपेट में 265 लोग आए थे. अस्पतालों में भर्ती हुए इनमें से क़रीब 40% मरीज़ ऐसे थे जिन्हें गंभीर नर्वस बीमारी हुई थी और ये बच नहीं पाए थे.
आम तौर पर ये वायरस इंसानों में इंफेक्शन की चपेट में आने वाली चमगादड़ों, सूअरों या फिर दूसरे इंसानों से फैलता है.
मलेशिया और सिंगापुर में इसके सूअरों के ज़रिए फैलने की जानकारी मिली थी जबकि भारत और बांग्लादेश में इंसान से इंसान का संपर्क होने पर इसकी चपेट में आने का ख़तरा ज़्यादा रहता है.

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