यूँ तो अमीरात में लाखों की संख्या में भारतीय प्रवासी काम के सिलसिले से जाते हैं लेकिन उनमे से कुछ ही ऐसे होते हैं जिनकी अपने मालिकों के साथ पारिवारिक सम्बन्ध बन जाते हैं है, यह सम्बन्ध उन भारतीयों के निस्वार्थ काम करने की भावना की वजह से बनते हैं.

उठाया बेटी की शादी का खर्चा 

खलीज टाइम्स के अनुसार एक अमीराती बॉस ने अपने ऑफिस में काम कर रहे एक भारतीय कर्मचारी को 17 सालों तक अच्छे काम करने के लिए एक तोहफा दिया और यह तोहफा भारतीय कर्मचारी की बेटी की शादी के खर्चों के रूप में दिया.भारतीय कर्मचारी के लिए 17 सालों तक एक ही बॉस के साथ काम करने का इससे बेहतर तोहफा कुछ भी नहीं हो सकता था.भारतीय कर्मचारी ने जब अमीरात में कदम रखे तो तब ही से वह अपने बॉस के साथ बने हुए हैं.
अमीराती दानकर्ता, हुस्सेंन इस्सा अल दर्माकी, जो की अल शादा प्रोजेक्ट और कालबा में अल नौखेथा होटल के मालिक अल दर्माकी ने कहा की “मुझे महसूस हुआ की यह जरुरी है, उनकी इस निस्वार्थ भाव की सेवा का मुझे उन्हें कुछ तो तोहफा देना चाहिए और इससे बेहतर तोहफा कुछ हो नहीं सकता.” उन्होंने कहा की “मुझे लगा की यह सम्मान देकर मै उनकी फैमिली को खुश कर दूँ.”

इससे पहले भी अमीरात में किया गया भारतीय व्यक्ति को सम्मानित 

इससे पहले अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नहयान ने भी एक भारतीय आदमी को उनके 40 सालों तक शेख जायेद के ऑफिस में काम करने के लिए सम्मान दिया था.
 
 

 
शेख जायेद ने कहा था की “जायेद के बच्चों के रूप में हमें अपनी विरासत जारी रखनी चाहिए और हमें समाज में लोगों की मदद करनी चाहिए खासकर उन लोगों की जिन्होंने हमारे लिए अच्छा किया है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *