श्रीनगर। जून में आतंकियों ने इंडियन आर्मी में राइफलमैन के पद पर तैनात जवान औरंगजेब का अपहरण करके उसकी हत्‍या कर दी थी। अब अपने दोस्‍त की हत्‍या का बदला लेने के लिए उसके 50 दोस्‍त सऊदी अरब में लाखों की नौकरी छोड़कर भारत वापस लौट रहे हैं। औरंगजेब को 14 जून को आतंकियों ने उस समय किडनैप कर लिया था जब वह ईद की छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे। 44 राष्‍ट्रीय राइफल्‍स के साथ अटैच्‍ड औरंगजेब साउथ कश्‍मीर के शोपियां के शादीमर्ग कैंप में पोस्‍टेड थे। वह जम्‍मू कश्‍मीर लाइट इंफेंट्री (जैकलाइ) के जवान थे। कश्‍मीर के स्‍थानीय मीडिया की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। औरंगजेब के दोस्‍त और परिवार के सदस्‍य उनके घर मेंढर में उनकी याद में आयोजित प्रार्थना सभा में इकट्ठा हुए थे और यहां पर सभी ने नम आंखों के साथ उन्‍हें याद किया। ये भी पढ़ें-सेना के जवान औरंगजेब का आखिरी वीडियो, जानिए क्‍या कहा था उन्‍होंने

सेना और पुलिस में होंगे भर्ती उनके दोस्‍त मोहम्‍मद किरामात और मोहम्‍मद ताज उन 50 लोगों में से एक हैं जिन्‍होंने अपने दोस्‍त के लिए सऊदी अरब में आकर्षक नौकरियों को ठुकरा दिया है। ये सभी हमेशा के लिए सालानी गांव वापस आ गए हैं। ये सभी अब पुलिस और सेना में भर्ती होना चाहते हैं ताकि वह अपने दोस्‍त राइफलमैन औरंगजेब की मौत का बदला आतंकियों से ले सकें। मोहम्‍मद किरामाम ने बताया कि जब उन्‍हें उनके भाई के मौत की खबर मिली, उसी पल उन्‍होंने सऊदी अरब छोड़ दिया था। उन्‍होंने जबरदस्‍ती अपनी नौकरियां छोड़ी ताकि वह अपने दोस्‍त की कातिलों को सबक सिखा सकें।

आतंकियों के हैंडलर्स जिम्‍मेदार औरंगजेब के एक रिश्‍तेदार ने कहा कि वह सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे। उन्‍हें किसी से कोई डर नहीं था और न ही इस बात का कोई अंदेशा था कि उन्‍हें निशाना बना लिया जाएगा। वहीं उनके भाई मोहम्‍मद कासिम जो कि सेना में ही हैं, आतंकियों के हैंडलर्स को उनकी हत्‍या के लिए दोष देते हैं। मोहम्‍मद कासिम कहते हैं कि हम सिर्फ इसलिए नहीं डर जाएंगे क्‍योंकि आतंकियों ने धमकी दी है, आतंकी इस घटना के लिए जिम्‍मेदार नहीं हैं बल्कि वे लोग जिम्‍मेदार हैं जो कश्‍मीर में हैं और इन्‍हें आदेश देते हैं ताकि आतंकी ऐसे काम कर सकें।

औरंगजेब ने तोड़े थे कई नियम सूत्रों के मुताबिक औरंगजेब ने कई स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (एसओपी) का उल्‍लंघन किया था। इसकी वजह से वह आतंकियों के चंगुल में फंस गए और निर्ममता से उनकी हत्‍या कर दी गई। औरंगजेब और उनके साथी ने एक प्राइवेट कार हायर की थी। दोनों ने ड्राइवर से रिक्‍वेस्‍ट की थी कि उन्‍हें शोपियां में ड्रॉप कर दिया जाए। लेकिन आतंकियों को इस कार का पता लगा गया और उन्‍होंने औरंगजेब की कार को इंटरसेप्‍ट कर लिया। औरंगजेट ईद की छुटिट्यों पर अपने घर पुंछ जाने वाले थे लेकिन इससे पहले उन्‍हें एक स्‍थानीय महिला से मिलना था। एक अधिकारी की मानें तो उन्‍होंने इस महिला से संपर्क किया था और दोनों लगातार बात कर रहे थे।
इनपुट: oneindia


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