यमन के नोबेल शांति विजेता और कार्यकर्ता तावक्कोल कर्मन ने कहा है कि यमन में युद्ध अपराधों पर नवीनतम संयुक्त राष्ट्र पैनल की रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) से पहले सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन ज़ैद पर मुकदमा चलाने का कानूनी आधार बनाती है.

मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, पिछले हफ्ते एक संयुक्त राष्ट्र के अनिवार्य विशेषज्ञ पैनल ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया था कि यमनी सरकार के सदस्य, अरब गठबंधन बलों, विशेष रूप से सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हुती विद्रोहियों को ज़िम्मेदार ठहराया था. शनिवार को सऊदी नेतृत्व वाले अरब गठबंधन ने यमन स्कूल की बस पर पिछले महीने की घातक हवाई हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकार कर ली, जिसमें सना के उत्तर में सादा के गवर्नर में 40 बच्चे मारे गए थे.

अल जज़ीरा से बात करते हुए कर्मन कहा गया कि रिपोर्ट ने “भयानक और अभूतपूर्व उल्लंघनों” की एक श्रृंखला का खुलासा किया है, जिसमें कहा गया है कि रिपोर्ट “यमन में हुतियों या अरब गठबंधन ने जो कुछ किया है, उसके केवल एक छोटे से अंश को दर्शाता है.” उन्होंने कहा की रिपोर्ट में बहुत काम अपराध दिखाया गया है जबकि ईमन में बड़े पैमाने पर खून-खराबे को अंजाम दिया गया है.

कर्मन ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को हथियारों की निरंतर बिक्री की निंदा की है, रिपोर्टों के बावजूद कि इन हथियारों का इस्तेमाल यमनी लोगों को मारने के लिए किया जाता है, इस बात पर बल देते हुए कि इन देशों में हथियार बेचने वाले लोग यमेनी लोगों की हत्या के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से योगदान देते हैं.
इनपुट: WNA


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