भारत का पारंपरिक खेल मलखम्भ का जलवा अब दुबई में भी देखने को मलेगा.
दुबई में आयोजित अराउंड द वर्ल्ड कल्चरल प्रोग्राम 2019 में भारत से मलखम्भ का जौहर दिखाने रतलाम के 2 खिलाड़ी वहां पहुंचेंगे.
भारत के पारंपरिक खेल होते हुए मलखम्भ से युवाओं की रूचि कम होती जा रही है.
 
लेकिन रतलाम ने युवाओं ने मलखम्भ को फिर से बुलंदियों पर पहुंचने का प्रण ले लिया है.
इसीलिए ये अब देश- विदेश में मलखम्भ दिखा रहे हैं.
 
रतलाम के मलखम्भ खिलाड़ी जितेंद्र सिंह राणावत व अमन सिंह सिसोदिया का भारत की और से दुबई में आयोजित कल्चरल प्रोग्राम में मलखम्भ के लिए चयन हुआ है.
दुबई में 2 अगस्त से 9 अगस्त तक यह आयोजन चलेगा.
 
रतलाम के मलखम्भ खिलाड़ियों जितेंद्र व अमन का चयन अहमदाबाद की रंगसागर संस्था द्वारा हुआ है, शुक्रवार को यह दोनों अहमदाबाद के लिए रवाना होंगे, जहां से हवाई यात्रा कर दुबई पहुंचेंगे.
 
दुबई में आयोजित प्रोग्राम में अलग लग कई देशों के कल्चर का प्रदर्शन किया जाएगा , जिसमे भारत के जितेंद्र व अमन मलखम्भ का प्रदर्शन कर भारतीय प्राचीन पारम्परिक खेल मलखम्भ से पूरे विश्व को रूबरू करवाएंगे.
 
विपरीत परिस्थितयो व बगैर संसाधनों के बावजूद रतलाम के मलखम्भ खिलाड़ियों ने भारतीय प्राचीन मलखम्ब खेल को बढ़ावा देने के लिए और इसे आगे बढ़ाने के लिए नए बच्चों को मलखम्भ के लिए प्रेरित कर इस कला को सिखाने का रहे है.
 
रतलाम के मलखम्भ खिलाड़ी जितेंद्र राणावत ने न सिर्फ रिकॉर्ड बनाये बल्कि अलग अलग कई टीवी कार्यक्रम में भी अपने अच्छे प्रदर्शन को लेकर चयनित हुए.
रतलाम के अंतराष्टीय मलखम्भ खिलाड़ी इस खेल के प्रति सरकार की उदासीनता से नाखुश है.
 

खिलाड़ियों की मांग ही कि प्रदेश सरकार मलखम्भ खिलाड़ियों को मदद करे, लेकिन विदेशों तक मलखम्भ से भारत के नाम को रोशन करने वाले खिलाड़ियों को भी अब तक सरकार से प्रोत्साहन तक नहीं मिला है.
मलखम्भ खिलाड़ी बगैर गद्दों के मलखम्भ पर प्रशिक्षण करते है ऐसे में ज्यादा चोटिल होने की आशंका बनी रहती है.
रतलाम खेल विभाग इन मलखम्भ खिलाड़ियों के उत्साह से खुश है तो है लेकिन उनके जरुरी सुविधाएं मुहैया करवा नहीं पा रहा है.

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