दिल्ली दिल्ली के इंदिरा गांधी गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फायरिंग की घटना ने मौके पर जबरदस्त हड़कंप मचा दिया। इस घटना की जानकारी 16 अगस्त की रात करीब 11 बजे दिल्ली पुलिस को मिली। जिसमें यह कहा गया कि एयरपोर्ट पर सीआईएसफ के चेक पोस्ट पर कई राउंड फायरिंग हुई है।
 
 
पुलिस को लगा कि आतंकी हमला हुआ है, जिसकेबाद फौरन पुलिस की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। मौके पर पहुँचने पर पुलिस को यह पता चला कि एयरपोर्ट पर एक नाइट क्लब के बाउंसर ने कैब हाईजैक कर ली। जब सीआईएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो उसने उनके साथ हाथापाई कर दी। बाउंसर को पकड़ने के लिए जवानों को दो राउंड फायर करने पड़े। वह नशे में था। उसे कोई फ्लाइट नहीं पकड़नी थी।
 

 
सीआईएसएफ जवानों ने संदेह होने पर यहां एक कैब को रोका। तभी कैब की पिछली सीट पर बैठे इस बाउंसर ने ड्राइवर को पैर मारकर कार से बाहर फेंक दिया। वह ड्राइवर सीट पर बैठ गया और तेज रफ्तार से कैब को भगाने लगा। सीआईएसएफ के जवानों ने उसे रोकने की कोशिश की। तब बाउंसर ने कैब से बाहर आकर जवानों से हाथापाई भी की। उसने दो जवानों को जख्मी कर दिया और एक अन्य जवान से पिस्तौल छीनने की कोशिश की। इसके बाद जवानों ने दो राउंड हवाई फायर किए और बाउंसर को काबू में किया।
 

 
बाउंसर के आतंकियों से रिश्ते नहीं : पुलिस के मुताबिक, इस शख्स की पहचान दिल्ली के संगम विहार इलाके में रहने वाले शंकर के रूप में हुई है। जवानों ने उसे जमीन पर गिरा दिया और उसके हाथ रस्सी से बांध दिए। उसके पास से कोई हथियार नहीं मिला। उसके किसी आतंकी संगठन से रिश्ते नहीं हैं।
 
 
घटना के वक्त आरोपित ड्रग्स के नशे में धुत था। आइजीआइ थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया, बाद में उसे जेल भेज दिया दिया गया। उसकी मानसिक हालत कमजोर बताई जा रही है। उधर, एयरपोर्ट से चंद मीटर की दूरी पर हुई गोलीबारी से आतंकी हमले की अफवाह फैल गई।

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