ईरान ने अगर अपनी धमकी कर दिखाई तो भारत में पेट्रोल 300 रूपए लीटर होगा

अमरीका द्वारा ईरानी तेल निर्यात को शून्य तक पहुंचाने की धमकी के बाद, ईरान ने यह स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर ऐसा होता है तो इसके बहुत ही गंभीर परिणाम होंगे और क्षेत्रीय देश भी अपना तेल निर्यात नहीं कर सकेंगे।

ग़ौरतलब है कि सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब इमारात, कुवैत और इराक़ का अधिकांश तेल स्ट्रेट ऑफ़ होरमुज़ से होकर ही विश्व बाज़ार तक पहुंचता है।

इसके अलावा, क़तर विश्व में सबसे अधिक एलएनजी गैस का निर्यात करता है, जो इसी मार्ग से होकर विश्व मार्केट तक पहुंचती है।

गुरुवार को ही ईरान की इस्लामी क्रांति की सेना आईआरजीसी के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि स्ट्रेट ऑफ़ होरमुज़ या सबके लिए है या किसी के लिए भी नहीं।

हालांकि अमरीका ने दावा किया है कि फ़ार्स खाड़ी के देशों से तेल के निर्यात को सामान्य रूप से जारी रखने के लिए वह स्ट्रेट ऑफ़ होरमुज़ में सुरक्षा को सुनिश्चित बनाएगा, लेकिन विशेषज्ञों को संदेह है कि ईरान की शक्तिशाली सैन्य उपस्थिति के बावजूद अमरीका कितने दिन तक ऐसा कर पाएगा।

स्ट्रेट ऑफ़ होरमुज़ से प्रतिदिन 14 तेल टैंकर होकर गुज़रते हैं, जिसका मतलब है कि 1 करोड़ 70 लाख बैरल तेल प्रतिदिन इस मार्ग से होकर विश्व मार्केट में पहुंचता है, जो क़रीब विश्व के तेल निर्यात का 50 प्रतिशत है।

अगर इस मार्ग से तेल निर्यात में किसी तरह की बाधा उत्पन्न होती है तो विश्व में तेल की ज़रूरत का 40 से 50 प्रतिशत भाग निर्यात नहीं हो पाएगा, जिससे तेल के मूल्य तुरंत रूप से आसमान छूने लगेंगे और विश्व अर्थव्यस्था को भारी नुक़सान होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर एक महीने के लिए भी इस मार्ग से तेल का निर्यात बंद होता है तो विश्व बाज़ार में कच्चे तेल के मूल्य 250 डॉलर प्रति बैरल हो जायेंगे। जो वर्तमान समय में क़रीब 70 डॉलर प्रति बैरल हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की धमकियां विश्व में तेल के मूल्यों में वृद्धि का कारण बन रही हैं, जबकि उनकी इच्छा है कि तेल के मूल्य कम रहें।



Exclusively Reported First at: ईरान ने अगर अपनी धमकी कर दिखाई तो भारत में पेट्रोल 300 रूपए लीटर होगा

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *