हवाई सफर करने में बड़े पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज (पीईडी) जैसे लैपटॉप आदि के चेक-इन-लगेज में ले जाने पर रोक लग सकती है. इसकी वजह यह है कि लैपटॉप की बैटरी जरूरत से ज्यादा गर्म होने पर आग लगने का खतरा होता है. यह बड़े हादसे का कारण बन सकता है.
अगर लैपटॉप जैसे उपकरण हैंडबैग में रखे जाते हैं तो उनमें आग लगने पर जल्दी काबू पाया जा सकता है. एक तो हैंडबैग यात्रियों के बैठने की जगह के पास में होते हैं, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर वे तुरंत नज़र में आ जाते हैं. केबिन क्रू को भी इस तरह के संभावित खतरे से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.
पिछले हफ्ते ही दिल्ली से इंदौर जा रही है फ्लाइट में एक मोबाइल फोन में आग लग गई थी जिसे केबिन क्रू ने बड़ी जल्दी सावधानीपूर्वक बुझा दिया था.

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Sofia-headquartered ISA West Consortium on Friday made a detailed presentation to City Development Minister KJ George and other senior officials.

पावर बैंक, मोबाइल चार्जर पर पहले से ही है रोक 
डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ) के सूत्रों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय विमान एजेंसियां बड़े पीईडी आइटम को चेक-इन बैग में प्रतिंबध पर विचार कर रही हैं. जैसे ही कोई बड़ी वैश्विक एजेंसी इस पर फैसला लेगी भारत भी इसे अपने यहां लागू करेगा. पॉवर बैंक, पोर्टेबल मोबाइल चार्जर और ई-सिगरेट पर पहले से रोक है.
इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) का खतरनाक चीजों का पैनल इस बारे में निरीक्षण करके वर्किंग पेपर तैयार कर रहा है. अमेरिकिन फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपना टेस्ट रिजल्ट आईसीएओ पेपर में शामिल कराया है.
इसमें कहा गया है कि पीईडी में आग लगने से एयरक्रॉफ्ट को काफी नुकसान पहुंच सकता है. एफएए की आग सुरक्षा की ब्रांच ने इसको लेकर 10 प्रयोग किये इसें एक सूटकेस के भीतर फुल चार्ज लैपटॉप को रखा गया था

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