संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रवासन (आईओएम) ने अपनी चिंताओं को ज़ाहिर किया है कि यमन में सऊदी नेतृत्व वाली सैन्य गठबंधन बल यमन में अफ्रीकी प्रवासियों को स्थानांतरित करने पर हमला कर सकते है अगर वह सना से अल हुदायदाह जाते है.
मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रवासन ने यह भी पुष्टि की कि सऊदी अरब ने इस साल 17 हजार यमनी प्रवासी जो छोटा-मोटा काम करके अपने परिवार का पेट पाल रहे थे, अब सऊदी ने सभी यमनी प्रवासियों को भी देश से निकालना शुरू कर दिया है. यूनाइटेड नेशन ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया क्योंकि यमन के युद्ध-ग्रस्त क्षेत्रों में 700 हजार प्रवासियों को विस्थापित हो गये है.
 
साथ ही सऊदी अरब ने उन सभी प्रवासियों पर जुर्माना लगाया है जो सऊदी के अलग-अलग शहरों में अवैध तरीके से रह रहे है. इन प्रवासियों के पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं है जिसकी वजह से सऊदी सरकार ने यमनी प्रवासियों को देश के बाहर जाने का रास्ता दिखाया है.

वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया को मिली जानकारी के मुताबिक, संगठन में संचालन और आपातकाल विभाग के निदेशक मोहम्मद अब्दिकर ने कहा कि, “संगठन स्पष्ट रूप से कह सकता है कि जनवरी और वर्तमान समय के बीच 17,000 यमनियों को सऊदी अरब में प्रवासियों के रूप में उनकी स्थिति के कारण उन्हें यमन वापस भेज दिया गया है.”
उन्होंने यह भी कहा कि, “हमारी स्थिति यह है कि आप लोगों को यमन जैसे देश में वापस नहीं ला सकते हैं, खासकर जब वहां हालात इतने खराब हो. अब्दिकर ने यमन में अफ्रीकी प्रवासियों के भाग्य पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया, जिनमें से कई को गिरफ्तार किया जा रहा है. जिनपर मानव तस्करी के आरोप लगाये जा रहे है.  सऊदी में लगभग हर महीने लगभग 7 हजार लोग अवैध तरीके से रहने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है. जिनमें से ज़्यादातर  इथियोपिया, सोमालिया और एरिट्रिया से हैं. यह लोग यमन पार करके सऊदी अरब पहुंचने की उम्मीद कर रहे थे

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