वाशिंगटन: पत्रकार जमाल खशोगी की हत्‍या की गुत्‍थी, सुलझती नजर आ रही है। इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में मारे गए खशोगी के अंतिम शब्‍द क्‍या थे, ये जानकारी भी सामने आ रही है। सीएनएन ने पत्रकार के जीवन के अंतिम क्षणों के ऑडियो टेप की कॉपी पढ़ चुके एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी है। सूत्र ने सीएनएन को बताया कि कॉपी से स्पष्ट है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इस संबंध में पल-पल की जानकारी देने के लिए कई फोन भी किए गए थे।

खबरों के मुताबिक, सीएनएन ने कहा कि तुर्की अधिकारियों का मानना है कि ये फोन रियाद में शीर्ष अधिकारियों को किए गए थे। कॉपी के अनुसार खशोगी ने अपने आखिरी क्षणों में काफी जिद्दोजहद की थी। उनके अंतिम शब्‍द थे- मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं…! बता दें कि मूल टेप तुर्की की खुफिया सेवा ने तैयार की थी। इस बीच, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने खशोगी की हत्या के संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने की तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की मांग को रविवार को खारिज कर दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की के अनुसार सऊदी के 15 सदस्यीय दल को खशोगी की हत्या के लिए इस्तांबुल भेजा गया था। पत्रकार खशोगी सऊदी के क्राउन प्रिंस के खिलाफ काफी आक्रमक रहते थे। इसलिए उनकी हत्या में क्राउन प्रिंस की संदिग्ध भूमिका का भी दावा किया जाता रहा है। वैसे बता दें कि सऊदी ने शुरुआत में इनकार के बाद माना था कि खशोगी की हत्या वाणिज्य दूतावास में ही की गई।

पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड के आरोपियों का प्रत्यर्पण नहीं करेगा सऊदी अरब
सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड के आरोपी के प्रत्यर्पण की संभावना को खारिज कर दिया है। इस्तांबुल के मुख्य अभियोजक ने सऊदी अरब के दो पूर्व अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट फाइल किए जाने के बाद मंत्री का यह बयान आया है। तुर्की के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि अभियोजक ने पाया है कि खशोगी की हत्या की साजिश रचने वालों में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शीर्ष सहयोगी सौद अल-कातानी और विदेशी गुप्तचर विभाग में डिप्टी रहे जनरल अहमद अल-असिरी शामिल थे। 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी। सऊदी अरब के विदेश मंत्री अब्देल अल-जुबेर ने कहा, ‘हम अपने नागरिकों का प्रत्यर्पण नहीं करते हैं।’ खाड़ी-अरब सम्मेलन में प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने यह बात कही।

खशोगी मामले में युवराज मोहम्‍मद बिन सलमान को सलाह दे रहे ट्रंप के दामाद कुशनर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर पत्रकार खशोगी हत्याकांड में फंसे सऊदी अरब के युवराज मोहम्‍मद बिन सलमान को हालात से निपटने में सलाह दे रहे हैं। इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में जमाल खशोगी की हत्या की गई थी और इसे युवराज मोहम्‍मद के निर्देश पर अंजाम देने की चर्चा है। कुशनर को मुहम्मद का मित्र माना जाता है। कुशनर राष्ट्रपति ट्रंप के आधिकारिक सलाहकार भी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार कुशनर युवराज मोहम्‍मद को हालात से निपटने के तरीके बता रहे हैं। हत्या के बाद मचा हंगामा कैसे शांत किया जाए, उसकी रणनीति पर सलाह दे रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के शुरुआती महीनों से कुशनर मध्य-पूर्व मामलों के राष्ट्रपति के सलाहकार हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेरेड (37) और मोहम्‍मद (33) में आपस में इतने अनौपचारिक हैं कि वे नाम के पहले शब्द से एक-दूसरे को संबोधित करते हुए बात करते हैं। व्हाइट हाउस की बदली नीति के अनुसार उच्च पदों पर बैठे लोगों की विदेशी नेताओं से होने वाली फोन बातचीत पर नजर रखी जाती है।

हिलेरी क्लिंटन का बड़ा आरोप, खशोगी हत्याकांड को दबाने में शामिल हैं राष्ट्रपति ट्रंप
इधर, अमेरिका नेता हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सउदी पत्रकार खशोगी हत्याकांड को दबाने का आरोप लगाया है। हिलेरी का कहना है कि इस हत्याकांड का सच छुपाने में राष्ट्रपति ट्रंप भी सहभागी हैं। हिलेरी ने ये बातें टोरंटो में एक भाषण के दौरान कहीं। हिलेरी ने कहा, ‘एक हमारे राष्ट्रपति हैं जो कि जब खशोगी की हत्या हुई तो दूतावास में क्या कुछ हुआ इस पर पर्दा डालने में लगे हैं।’ हिलेरी ने ये भी कहा कि खशोगी हत्याकांड को छुपाने में ट्रंप और उनके करीबी लोगों के ‘निजी व्यवसायिक हित’ शामिल हैं। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप 20 नवंबर के उस बयान के बाद से निशाने पर आ गए हैं, जब उन्होंने कहा था कि सउदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को इस हत्याकांड के बारे में जानकारी थी और इस पूरे स्कैंडल के बावजूद अमेरिका रियाद का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा। उल्लेखनीय है कि सउदी सरकार ने पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड में प्रिंस परिवार के दखल से इनकार किया है।
साभार: JMB

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