एक ट्वीट करके शाह महमूद क़ुरैशी ने विदेशों में बसे पाकिस्तानियों से कहा है कि वे 15 अगस्त को दुनियाभर में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करके ‘भारतीय कब्ज़े वाले कश्मीर’ में ‘गैर-क़ानूनी, बर्बर और ज़बरन कब्ज़े के ख़िलाफ़’ अपना विरोध जताएं.
 

 
इससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक ट्वीट करके कहा है कि वो आरएसएस की विचारधारा से डरे हुए हैं क्योंकि यह नाज़ी विचारधारा की तरह है.
इमरान ख़ान ने ट्वीट में लिखा है, ”भारत के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में कर्फ़्यू, सख़्ती और जनसंहार के हालात बिल्कुल आरएसएस की विचारधारा के मुफ़ीद हैं जो नाज़ी विचार से प्रेरित है. नस्ली क़त्लेआम के ज़रिए कश्मीर की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश है. सवाल है कि क्या दुनिया देखती रहेगी जैसा कि हिटलर के वक़्त में हुआ था.”
 

 
इमरान ने दूसरे ट्वीट में लिखा है, ”मैं आरएसएस की हिन्दू श्रेष्ठता की विचारधारा से डरा हुआ हूं क्योंकि यह नाज़ी आर्यन श्रेष्ठता की तरह है. इसे भारत के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में रोका जाना चाहिए, नहीं तो इससे भारत में मुस्लिमों का दमन बढ़ेगा और आख़िरकार पाकिस्तान निशाना बनेगा. हिन्दू श्रेष्ठता हिटलरशाही का ही संस्करण है.”
इससे पहले आठ अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, ”पूरी दुनिया इंतज़ार कर रही है कि भारत के क़ब़्जे वाले कश्मीर से कर्फ़्यू हटे और पता चले कि उत्पीड़ित कश्मीरियों के साथ क्या हुआ है. क्या बीजेपी सरकार ये सोचती है कि कश्मीरियों के ख़िलाफ़ भारी सुरक्षाबलों की तैनाती से आज़ादी का आंदोलन थम जाएगा? इससे आंदोलन और ज़ोर पकड़ेगा.”
 

 
आठ अगस्त को ही एक और ट्वीट में इमरान ख़ान ने लिखा, ”भारत के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में कश्मीरियों का नरसंहार हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे देख रहा है. सवाल उठता है, क्या हम इस बार भाजपा सरकार के ज़रिए फ़ासीवाद का एक और तुष्टीकरण होते हुए देखने वाले हैं, या फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास इतना नैतिक साहस है कि वह इस सब को रोक सके?”
इसी हफ़्ते बुधवार को पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक रिश्ते सीमित करने और व्यापारिक रिश्ते तोड़ने समेत कई घोषणाएं की थीं.
भारत ने जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन करते हुए इसे केंद्र प्रशासित प्रदेश बना दिया है.
 

 
अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम के दो अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए हैं. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भी ख़त्म कर दिया है.
भारत सरकार के इस फ़ैसले से सात दशक पुराना कश्मीर का मसला एक बार फिर पूरी दुनिया में चर्चा के केंद्र में आ गया है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *