दुबई में अब ऐसे स्‍थानीय निवासियों या पर्यटकों का पासपोर्ट नहीं रखा जाएगा, जो किसी अपराध के आरोपी हैं या जमानत की मांग कर रहे हैं। पासपोर्ट के बजाय ऐसे व्यक्ति के डाटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहित किया जाएगा।

 
अगर किसी व्यक्ति को जमानत की ज़रूरत है, तो उन्हें अपने या किसी दोस्त व रिश्तेदार का पासपोर्ट जमा कराने की आवश्यकता नहीं होगी। 9 अप्रैल को दुबई सरकार के उत्कृष्टता कार्यक्रम में ‘स्मार्ट जमानत’ की पहल की घोषणा की गई।
 

दुबई के उच्‍च अधिकारी ने खलीज टाइम्‍स को बताया कि सरकार द्वारा ये कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि किसी को अपना पासपोर्ट जमा ना करना पड़े। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी। उन्‍होंने बताया कि पिछले साल और लगभग हर साल हम 50,000 पासपोर्ट जब्‍त करते हैं और अब हम इसे कम करना चाहते हैं। स्‍थानीय निवासियों और पर्यटकों का डाटा हम अपने सिस्‍टम में रख रहे हैं, इसलिए हमें पासपोर्ट रखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
 

 
दूबई अभियोजक जनरल अली हुमैद बिन खतीम ने सोमवार को कहा कि विशेष अपराधों में शामिल संदिग्धों को जल्द ही दुबई सार्वजनिक अभियोजन के कब्जे में अपने पासपोर्ट या जमानतदार छोड़े बिना इलेक्ट्रॉनिक जमानत प्राप्त हो सकती है।

गल्फ न्यूज ने इसकी सूचना दी और कहा की यह फैसला ‘स्मार्ट बेल’ पहल के हिस्से के रूप में आता है, साथ ही साथ एक स्मार्ट और काग़ज़हीन बेल जो सरकार की ओर से दुबई सरकार की योजना के अंतर्गत आता है।
 

 
बिन खतीम ने कहा कि ये संदिग्ध कानूनी कार्रवाई में शामिल होने के बावजूद वो निवास या पासपोर्ट नवीनीकृत करने में सक्षम होंगे। अभियोजक जनरल ने गल्फ न्यूज से कहा “यह पहल मुख्य रूप से अपने ग्राहकों को यथासंभव यथाशीघ्र पूरा करने के लिए लॉन्च किया गया था। उदाहरण के लिए, जमानतदार को परेशानी नहीं होगी और उनका पासपोर्ट हिरासत में रखा जाएगा, “

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