अमेरिका के बाद ग्वाटेमाला दूसरा ऐसा देश बना था जिसने अमेरिका के फैसले को सराहा था और अमेरिका के नक्शे कदम पर चला.अमेरिका की ही तरह ग्वाटेमाला ने भी इजराइल की राजधानी के रूप में जेरुसलम को मान्यता दी थी और अपनी इसरायली एम्बेसी को जेरुसलम में शिफ्ट किया था . तेल अवीव से कब्जे वाले यरूशलेम में अपने दूतावास को स्थानांतरित करने के बाद के फैसले के बाद अरब लीग ने ग्वाटेमाला के साथ अपने संबंधों को तोड़ दिया है.

क्या कहना है अरब लीग का ?

वर्ल्ड न्यूज अरेबिया को मिली खबरों के अनुसार अरब लीग के प्रवक्ता महमूद अफिफ ने कल एक बयान में कहा कि “यह निर्णय हाल ही में अरब लीग की बैठक के नतीजों के मुताबिक है, जिसमे ग्वाटेमाला के इस फैसले की निंदा की गयी और इसके खिलाफ उचित राजनीतिक और आर्थिक उपाय करने की प्रतिज्ञा ली गयी.
 
अफिफ ने कहा की ” ग्वाटेमाला को अरब लीग के फैसले के बारे में सूचित किया गया था और कहा कि दूतावास को स्थानांतरित करना “अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का एक बड़ा उल्लंघन है और यह अंतर्राष्ट्रीय शांति को धमकाता है”.

अपने बयान में, अफिफ ने कहा की “अरब लीग सभी देशों को अपने दूतावासों को यरूशलेम के कब्जे वाले शहर में स्थानांतरित ना करने और फिलिस्तीनी मुद्दे के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों का पालन करने के लिए कहता है.”
संयुक्त राज्य अमेरिका के जेरुसलम में दूतावास को स्थानांतरित करने के दो दिन बाद ग्वाटेमाला ने पिछले हफ्ते यरूशलेम में अपना नया दूतावास खोला.

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