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  • दिल्ली नगर निगम एसडीएमसी द्वारा संपत्ती खरीदने पर प्रोफेश्नल टैक्स और ट्रांसफर ड्यूटी टैक्स में बढ़ोतरी कर दी गई है।
  • विपक्ष ने इस प्रस्ताव का जम कर विरोध किया है।
  • 50 हजार प्रतिमाह सैलरी वाले कारोबारियों से 100 रुपये प्रतिमाह टैक्स वसूला जाएगा और छह लाख से नौ लाख रुपये तक के सैलरी वालों से 1200 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से टौक्स वसूला जाएगा।


दिल्ली नगर निगम एसडीएमसी ने संपत्ती खरीदने पर ट्रांसफर ड्यूटी टैक्स और प्रोफेस्नल टैक्स दोनो में बढ़ोतरी कर दी है। इसलिए दक्षिणी दिल्ली में संपत्ती खरीदना बहुत मेहंगा पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर अनाधिकृत कॉलोनियों में वर्ष 2004-05 से 2018-19 तक हाउस टैक्स को माफ करदिया गया है।
 
इन प्रस्तावों को सोमवार सिविल सेंटर में दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका की अध्यक्षता में हुई संसद की बैठक में पास कर दिया गया है। हालांकि विपक्ष ने प्रोफेश्नल टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया और सदन की कार्यवाही को छोड़ कर बाहर चले गए। नेता सदन नरेंद्र चावला का कहना है कि दक्षणी दिल्ली नगर निगम द्वारा 2003 से ही संपत्ती पर किसी तरह का कोई टैक्स नही बढाया गया था। साथ ही उनका कहना है कि निगम को अपनी आय बढ़ाने के लिए विकल्प अब तलाशने पड़ रहे हैं जब दिल्ली सरकार निगम का 1300 करोड़ रुपये का ग्लोबल शेयर नहीं दे रही है। जब सरकार कोरोना टैक्स बढ़ा सकती है तो नगर संपत्ती खरीदने पर ट्रांसफर ज्यूटी और प्रोफेश्नल टैक्स क्यों नहीं बढ़ा सकती है।
 

 
संपत्ती खरीदने पर एक प्रतिशत तक ट्रांस्फर ड्यूटी टैक्स बढ़ा दिया गया है।
अब संपत्ती चाहे पुरुष या महिला के नाम पर खरीदी जाए या कंपनी के नाम पर, इस पर सर्किट रेट के हिसाब से एक प्रतिशत टैक्स निगम द्वारा वसूला जाएगा। नौकरीपेशा लोगों से भी प्रोफेश्नल टैक्स वसूला जाएगा। 25 लाख से उपर की कीमत पर संपत्ती खरीदने वालों पर टैक्स लगेगा। साथ ही 50 हजार रुपये प्रति-माह सैलरी वालों से 100 रुपये प्रतिमाह टैक्स वसूला जाएगा। इसके अलावा जिसकी सैलरी छह लाख से लेकर नौ लाख तक होगी उससे 1200 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा।

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